स्कैमर्स के निशाने पर बुजुर्ग! ठगी का नया तरीका ग्रैंडपैरेंट स्कैम, जानें कैसे बचें

स्कैमर्स के निशाने पर बुजुर्ग! ठगी का नया तरीका ग्रैंडपैरेंट स्कैम, जानें कैसे बचें

ग्रैंडपैरेंट स्कैम एक ऐसा जालसाजी का तरीका है जिसमें साइबर अपराधी खुद को बुजुर्गों का पोता या पोती बताकर उनसे पैसे या पर्सनल जानकारी हासिल करते हैं। यह एक नया तरीका है जो तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और बुजुर्गों के लिए खतरा बन गया है।

जालसाज कैसे काम करते हैं?

  • जालसाज फोन या सोशल मीडिया के माध्यम से बुजुर्गों से संपर्क करते हैं।
  • वे खुद को बुजुर्गों का पोता या पोती बताकर भावनात्मक रूप से कमजोर करते हैं।
  • वे किसी आपात स्थिति का दावा करते हैं, जैसे कि कार दुर्घटना, गिरफ्तारी, या विदेश में फंस जाना।
  • वे बुजुर्गों से तुरंत पैसे या पर्सनल जानकारी (जैसे बैंकिंग विवरण) मांगते हैं।
  • वे बुजुर्गों को किसी को भी इस बारे में बताने से मना करते हैं।

ग्रैंडपैरेंट स्कैम से कैसे बचें?

  • सावधान रहें: यदि कोई अनजान व्यक्ति आपको फोन करता है और खुद को आपका पोता या पोती बताकर पैसे या पर्सनल जानकारी मांगता है, तो सावधान रहें।
  • पुष्टि करें: जालसाज अक्सर जानकारी चुराकर वास्तविक लोगों का प्रतिरूपण करते हैं। इसलिए, यदि कोई करीबी व्यक्ति मदद मांग रहा है, तो उनकी पहचान सत्यापित करने के लिए उनसे सीधे संपर्क करें।
  • पैसे न दें: कभी भी किसी अनजान व्यक्ति को पैसे न दें, भले ही वे कितनी ही भावुक कहानी क्यों न सुनाएं।
  • व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: कभी भी किसी को भी अपना बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड या सोशल सिक्योरिटी नंबर जैसी पर्सनल जानकारी न दें।
  • अन्य को बताएं: यदि आपको लगता है कि आप या आपके कोई परिचित ग्रैंडपैरेंट स्कैम का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

बुजुर्गों को जागरूक करना

यह महत्वपूर्ण है कि बुजुर्गों को ग्रैंडपैरेंट स्कैम के बारे में शिक्षित किया जाए ताकि वे इस तरह के जालसाजी से खुद को बचा सकें।

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