Google Map Location: जमानत के लिए गूगल PIN लोकेशन देने से नहीं कोई नुकसान, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को जमानत देते हुए शर्त रखी थी कि वो Google Maps के जरिए अपनी लोकेशन शेयर करेगा। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि Google Maps का लोकेशन पिन शेयर करने से कोई नुकसान नहीं है और कई हाईकोर्ट ने इसे जमानत की शर्त के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
क्या जमानत के लिए लोकेशन शेयरिंग ज़रूरी है?
सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर बहस चल रही है कि क्या जमानत देने के लिए आरोपी को Google Maps के जरिए अपनी लोकेशन शेयर करना ज़रूरी होना चाहिए। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है।
क्या इससे निजता का उल्लंघन होता है?
इस मामले में ये भी सवाल उठाया गया है कि जमानत की शर्त के तौर पर लोकेशन शेयरिंग करने से आरोपी की निजता का उल्लंघन होता है या नहीं।
अगली सुनवाई कब होगी?
सुप्रीम कोर्ट ने Google को नोटिस जारी कर पूछा है कि Google Maps का लोकेशन पिन फीचर कैसे काम करता है। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द ही फैसला सुनाएगा।
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